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शनिवार, 9 अक्तूबर 2021

नीम के औषधीय गुण एवं फायदे - - - - - -

नीम के औषधीय गुण एवं फायदे- - - 
नीम भारत वर्ष का बहुत ही चर्चित और औषधीय वृक्ष माना जाता है ये भारत वर्ष में कल्प - वृक्ष भी माना जाता है। नीम अपने कड़वे स्वभाव व औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है।   नीम पर्यावरण के लिए जितना उत्तम माना जाता है उतना ही अधिक स्वास्थ्य लाभ के लिए भी।
नीम का वृक्ष लंबा और शाखाएँ फैली हुई होती है नीम की पिण्डी गोल एवं लंबी आकर में होती है नीम का उपयोग अधिक से अधिक आयुर्वेदिक औषधि एवं चिकित्सा के रूप में किया जाता है। 
                             
  नीम के फल को निवौली कहते हैं निवौली हरे रंग का गुठलीदार फल होता है जोकि औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।
नीम के औषधीय उपयोग - - - 
1- अगर कोई व्यक्ति किसी दुर्घटना से आग में जल जायेे तो तुरंत ही नीम की पत्तियों को पीसकर लेप बनाकर उस जले हुए स्थान पर लेप को लगा लेना चाहिए। इससे फल्के और जलन का प्रभाव खत्म हो जाएगा।
2- अगर किसी के कान में दर्द होता है तो नीम के तेल को कान में डालें इससे कान के अंदर की फुंसी ठीक हो जाएगी तथा दर्द से निजात मिल जाएगी।
3- अगर आपके दातों में खून आता है व पायरिया की शिकायत हो इसमें नीम की दातुन को दातों में करने से पायरिया एवं खून आने जैसी रोगों से निजात मिलती है।
4- नीम की छाल (पपड़ी ) को पीसकर फोड़ा, फुंसी के ऊपर उसका लेप लगाने से फोड़ा, फुंसी ठीक हो जाता है।
5- नीम का काड़ा पीने से बुखार जैसी समस्या दूर हो जाती है।
6- नीम की पत्तियों को पीसकर इसकी क्रीम बनाकर चेहरे पर लगाने से मुँहासे तथा झुर्रियों में लाभ मिलता है। क्योंकि इसमे anti biotic गुड़ पाए जाते हैं।

नीम के गुण - - -

नीम में एंटी वैक्टीरियल, एंटी फंगल, एंटी आक्सीडेंट, एंटी वायरल जैसे गुण पाये जाते हैं। नीम साँप के जहर को भी कम करने में अच्छा उपयोगी होता है।
नीम गुर्दे की पथरी को खत्म करने में सहायक होता है नीम की पत्तियों को राख बनाकर दिन में दो बार उपयोग करने से गुर्दा की पथरी कटकर मूत्र मार्ग से बाहर निकल जाती है।
नीम और बेर के पत्तों को उबालकर उसके पानी को ठंडा करके बालो को धोने से बालों का गिरना बंद हो जाता है। तथा बाल काले और मजबूत हो जाते हैं।

नीम के पेड़ के हर हिस्से को औषधीय रूप में प्रयोग किया जाता है। पेट में आंत या लिवर के अल्सर, मलेरिया, डेंगू आदि में नीम बहुत ही लाभकारी औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।
नीम की दातुन का उपयोग प्राचीन काल से लेकर आज तक होता चला आ रहा है। नीम की दातुन करने से दांत मजबूत और चमकदार होते हैं तथा दांतों में पायरिया तथा मसूड़ों से खून आने से भी बंद हो जाता है। और मुँह से दुर्गन्ध आना भी बंद हो जाता है।
नीम के तेल का दिन में दो - तीन बार उपयोग करने से टीवी जैसे बीमारी से छुटकारा मिल सकता है।
नीम के रस का प्रयोग करने से पेट में उत्पन्न पेट के कीड़े मर जाते हैं।



नीम के औषधीय गुण एवं फायदे - - - - - -

नीम के औषधीय गुण एवं फायदे - - -   नीम भारत वर्ष का बहुत ही चर्चित और औषधीय वृक्ष माना जाता है ये भारत वर्ष में कल्प - वृक्ष भी माना जाता है...