दूर्वा घास (दूब घास)
दूर्वा घास या दूब घास (Bermuda grass) सबसे प्राचीन और पवित्र घास है।इसका प्रयोग हवन और पूजा में भी किया जाता है।
शास्त्रों के अनुसार यह माना जाता है। कि जब समुद्र मंथन के समय देवता गण अमृत कलश को लेकर जा रहे थे तब अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदे छलक कर पृथ्वी पर दूर्वा घास पर पड़ गयी। इसीलिए दूर्वा घास अमर हो गई दूर्वा घास भगवान श्री गणेश को अर्पित की जाती है ये घास भगवान श्री गणेश को अत्यंत प्रिय है ।
दूर्वा घास किसी औषधि से कम नही है, दूर्वा घास मे कैल्शियम,फाइबर, पोटैशियम और प्रोटीन काफी अधिक मात्रा में पाया जाता है।
आयुर्वेद मे अनेक औषधि बनाने में इसका उपयोग होता है।
दूर्वा घास के स्वास्थ्य लाभ--
1-सुबह खाली पेट 2 से 3 चम्मच दूर्वा घास का रस पीने से रक्त संचार स्तर तथा मधुमेह में काफी लाभदायक है।
2- सर्दी खांसी को दूर करने में इसका बेहतर उपयोग है इसमे एंटीवायरल प्रॉपटीज होती है।
इसका सेवन करने से बलगम दूर होता है,इसे पीसकर इसका रस निकालकर पिया जाता है
3- दूर्वा घास को पीसकर थोड़ी सी हल्दी मिलाएँ, कील मुँहासे से निजात मिलती है। 4- दूर्वा घास हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन लेबल को बढ़ाती है, जिन लोगों में खून की कमी है, उन लोगों को इसका उपयोग जरूर करना चाहिए।
5- दाद, खाज, खुजली तथा सिरोसिस से संबंधित जितनी भी त्वचा रोग है। उन पर अगर दूर्वा का लेप लगाया जाए तो ये त्वचा रोग बिल्कुल ही मिट जाता है।
6- मुँह में छाले हो तो दूर्वा का रस पीने से आराम मिलता है।
7- दूर्वा घास हमारी पाचन शक्ति को मजबूत करने मे मदद करती है, रोज दही के साथ मिलाकर खाने से कब्ज, गैस, एसिडिटी, वबासीर जैसी समस्या दूर हो जाती है।
8- दूर्वा घास के लगातर सेवन से शारीरिक थकान और कमजोरी दूर होती है, और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
दूर्वा घास ( दूब घास ) अनेक रोगों की एक औषधि है।