बुधवार, 21 अक्तूबर 2020

चांगेरी के औषधीय गुण एवं नशा छुड़ाने की कारगर औषधि इसका उपयोग आयुर्वेद में बहुत से रोगों में किया जाता है।

        चांगेरी (creeping woodsorrel) 

इस औषधि को आयुर्वेद में चांगेरी कहा जाता है इसे तीन पत्ता घास भी कहते है।संस्कृत साहित्य में इसे अम्ल पत्रिका कहते है य़ह लगभग हर स्थान पर पायी जाती है। नमी वाले स्थानो पर यह औषधि वर्ष भर पायी जाती है। इसे ज्यादातर खट्टी मीठी घास कहा जाता है ज्यादातर यह पौधा खेतों में खर-पतवार के रूप में पाया जाता है इसके पौधे पर पीले तथा गुलाबी रंग के पुष्प लगते हैं। 

              

ये चांगेरी औषधि अनेक प्रकार की औषधि गुणों से भरपूर होती है-

1-अगर आपको सिर दर्द की समस्या रहती है तो चांगेरी के पत्तों को पीसकर लगाएँ कुछ दिनों में दर्द से बिल्कुल छुटकारा मिल जाएगा। 

2-अगर खांसी, बलगम या कफ की समस्या होती है तो इसके पत्तों का रस निकालकर पानी में दो - दो बूंद मिलाकर नाक में डाले इससे जल्दी ही आराम होता है। 

                   

3-अगर छोटे बच्चों को भूख न लग रही हो या पाचन शक्ति कमजोर हो रही है तो ऐसे में चांगेरी के ताजे पत्तों के साथ पुदीना और अदरक की चटनी बनाकर खिलाए चटनी को खाने से बच्चों की भूख बहुत लगती है। 

4-अगर किसी की आंतों मे infaction की समस्या है तो चांगेरी के पत्तों का रस निकालकर इसका सेवन करे इससे जल्दी ही आंतों मे इन्फेक्शन ठीक होता है। 

                
5-ये चांगेरी चेहरे की सुन्दरता बढ़ाने के लिए फायदेमंद होती है इस चांगेरी के ताजे पत्तों का रस निकाल कर और सफेद चंदन में मिलाकर लेप बनाये और प्रतिदिन चेहरे पर करीब आधे घंटे तक लगाए और फिर चेहरे को पानी से साफ़ कर ले ऐसा करने से चेहरे की चमक और गोरापन बढ़ता है और चेहरे की झुर्रियां भी मिट जाती है। 

6-ये चांगेरी नशा छुड़ाने की एक कारगर औषधि है चाहे भांग, अफीम या शराब किसी भी प्रकार का नशा हो इसमे चांगेरी के पत्तों का रस निकाल कर प्रतिदिन पिलायें इससे धीरे-धीरे नशे की लत छुट जाती है इससे नशा करने की इच्छाशक्ति खत्म हो जाती है। 

इस चांगेरी का आयुर्वेद में एक बहुत ही लाभदायक औषधि के रूप में वर्णन किया गया है। 

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