मंगलवार, 13 अक्तूबर 2020

शेरपंजी (बाघपंजा) के चमत्कारिक गुण एवं इनका औषधीय उपयोग

          शेरपंजा (Tiger foot morning glory) 

इस चमत्कारिक औषधि की ज्यादातर शेरपंजी या वाघपंजा के नाम से पहचाना जाता है। ये औषधि एक तरह की वेल होती है जो भारतवर्ष में वर्षा ऋतु के मौसम में लगभग हर जगह पायी जाती है इसकी पत्तियों का आकार शेर तथा बाघ के पंजों की तरह होता है।                                                           

इस बेल में तो दो तरह की प्रजाति पायी जाती है एक मे पांच - पांच पत्ते और दूसरी मे सात - सात पत्ते पाए जाते है ।ये बेल रूएदार पायी जाती है। इसे हिंदी में पंचतंत्रीय के नाम से पहचाना जाता है और अंग्रेजी में Tiger foot morning glory के नाम से जानते हैं।

             

इस बेल औषधि में Antivactirial और Anti-inflammatory गुण पाए जाते हैं। और ये औषधि Antioxidants से भरपूर होती है। सदियों से इस औषधि का उपयोग त्वचा रोग में किया जाता है। 

इसके पत्तों का रस लगाने से फोड़ा, फुंसी खत्म हो जाते हैं। इसके पत्तों का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से कील, मुँहासे से छुटकारा मिलता है और चेहरे पर निखार आ जाता है। इसके पत्तों को पीसकर घाव में लगाने से घाव शीघ्र भर जाता है इस औषधि में कैंसर विरोधी गुण पाए जाते हैं। 

इस शेरपंजी औषधि का उपयोग आयुर्वेद में बहुत से रोगों का उपचार करने हेतु किया गया है।

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