सोमवार, 23 नवंबर 2020

मरोड़ फली के औषधीय लाभ एवं उपयोग

           मरोड़फली (Helicteres isora)

इस पौधे को आयुर्वेद में मरोड़ फली के नाम से जाना जाता है। य़ह एक दुर्लभ आयुर्वेदिक औषधि है। यह जड़ी बूटी जंगलों और पहाड़ों पर प्राप्त होती है।
मरोड़ फली के आयुर्वेदिक गुण,मरोड़ फली के औषधीय सुझाव
मरोड़ फली के आयुर्वेदिक गुण एवं औषधीय सुझाव 

मरोड़ फली के फायदे - 

मरोड़ फली का उपयोग पेट की सभी वीमारियों में किया जाता है। यह एक बहुत अच्छी आयुर्वेदिक औषधि है।
गैस, एसिडिटी, कब्ज, कच्ची डकार, पेट में जलन, ववासीर, पेचिश आदि अनेक पेट की बीमारियों में उपयोग किया जाता है।

गैस के लिए -

मरोड़ फली को 10 ग्राम पीसकर चटनी वनाकर रस निकाल लें तथा उस रस में काला नमक मिलाकर पी लें। पेट के अंदर की गैस बिल्कुल ठीक हो जाएगी।

पेचिश एवं मरोड़ के लिए -

इसके लिए 10 ग्राम मरोड़ फली के रस में 10 ग्राम शहद मिलाकर एवं 100 ग्राम माड़ (चावल से निकली हुई) के साथ सेवन करने से पेचिश एवं मरोड़ में अधिक लाभ मिलता है।

त्वचा रोग में -

आयुर्वेद में मरोड़ फली का उपयोग त्वचा रोग में भी किया जाता है। जैसे - दाद, खाज, खुजली में इसका रस लगाएँ।
मरोड़ फली के आयुर्वेदिक गुण, मरोड़ फली के आयुर्वेदिक सुझाव
मरोड़ फली के आयुर्वेदिक गुण

छोटे बच्चों के दांत निकलने में दर्द की समस्या - 

जिन बच्चों के दांत निकल रहे हों। उन बच्चों के लिए मरोड़ फली और अकरकरा को पीसकर तथा शहद में मिलाकर उस स्थान पर लगाएं। इससे दांत का दर्द ठीक हो जाता है और दांत भी आसानी से निकल आते हैं। 

घाव को ठीक करने में - 

जिन लोगों को चोट लगने पर घाव हो जाता है और ठीक नहीं होता है। इसमें मरोड़ फली की छाल एवं बरगद की छाल का काड़ा बनायें। उस काड़े से यदि आप घाव को धोते हैं तो घाव जल्द ही ठीक हो जाता है। 

कान का दर्द ठीक करने में सहायक - 

कान में दर्द होने पर मरोड़ फली को अरण्डी और तिल के तेल में उबालकर ठंडा होने पर कान में 2-3 बूंदे डालने पर आराम मिलता है। 

मोतियाबिन्द में असरदार दार

मरोड़ फली के सूखे फ़ूलों को पीसकर काजल के साथ मिलाकर लगाने पर मोतियाबिन्द में लाभ मिलता है। 

मरोड़ फली के औषधीय प्रयोग अन्य रोगों में

1-मरोड़ फली की जड़ का जूस Daibetes में बहुत फायदा पहुँचाता है। 
2-आयुर्वेद के जानकर के अनुसार मरोड़ फली का इस्तेमाल कैंसर से लड़ने में लाभदायक होता है। 
3-मरोड़ फली की छाल को Dysentery के इलाज में असरदार माना गया है। 
4-मरोड़ फली के चूर्ण को पानी के साथ खाने पर कफ और वबासीर की बीमारी जड़ से खत्म हो जाती है। 
5-मरोड़ फली के चूर्ण को पानी में मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे पर दाग धब्बों से निजात मिल जाती है। 

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