रविवार, 1 नवंबर 2020

मखमली (मुर्गाकेश) के औषधीय लाभदायी गुण

                  मखमली (silosiya)

इस चमत्कारिक औषधि में मखमल के समान फूल आते हैं। इसको देखने में मुर्गा की कलगी के समान लगता है। इसी कारण इसे मुर्गाकेश भी कहते हैं।
                    
इसे अंग्रेजी में silosiya कहते हैं। इसकी कई प्रजातियां होती है। जिसे अलग - अलग वैज्ञानिक नामों से जाना जाता है। इसकी पत्तियों की सब्ज़ी बनाकर खायी जाती है इसका स्वभाव ठंडा होता है इसी कारण ये कई सारी बीमारियों में फायदेमंद होता है।
                   

मखमली (मुर्गाकेश) के स्वास्थ्य लाभ -

य़ह गर्मियों में होने वाले सिरदर्द में राहत पहुँचाता है। इसके लिए इसके पत्तों का पेस्ट बनाकर सर पर लगाना चाहिए। इसकी प्रकृति ठंडी होने के कारण गर्मी में होने वाले सिरदर्द में काफी राहत पहुँचाता है।
                   
अगर आपकी आँखों में जलन हो या आंखें लाल हो गयी हो तो ऐसे में लाल मखमली के फ़ूलों को जलाकर इसकी राख बना ले। इसकी 10 ग्राम मात्रा लेकर गाय के 10 ग्राम घी के साथ 10 ग्राम कपूर लेकर अच्छे से मिलाय और फिर काजल की तरह आँखों पर लगाए। इससे आँखों की लालिमा दूर हो जाती है और साथ में ही आँखों में जलन भी दूर हो जाती है।
इसके बीज़ भी बहुत लाभकारी होते हैं इसके बीज़ 500 मिली ग्राम लेकर शहद मिलाकर खाने से सभी प्रकार की खांसी मे राहत मिलती है।
                     
इसके ताजे पत्ते का रस निकालकर कुछ बूंदे नाक में डालने पर नकसीर मे राहत मिलती है।
अगर कहीं पर फोड़ा फुंसी हो गया हो तो मखमली के पत्तों के साथ लौकी के पत्तों की बराबर मात्रा में लेकर इसका पेस्ट बनाए। और इस पेस्ट मे आप थोड़ा - सा नमक मिला लें। अब इस पेस्ट को फोड़ा बाली जगह पर लगाए। आप दिन में दो बार इसका लेप करे। इस प्रकिया को 4-5 दिन लगातार करने से फोड़ा एवं फुंसी में राहत मिलती है
ये मखमली (मुर्गाकेश) में बहुत लाभकारी औषधीय गुण होते हैं।

नीम के औषधीय गुण एवं फायदे - - - - - -

नीम के औषधीय गुण एवं फायदे - - -   नीम भारत वर्ष का बहुत ही चर्चित और औषधीय वृक्ष माना जाता है ये भारत वर्ष में कल्प - वृक्ष भी माना जाता है...