कोषपुष्पी(commelina benghalensis)
कोषपुष्पी को कंचट के नाम से भी जाना जाता है। ये औषधि पूरे भारतवर्ष में आसानी से मिल जाती है ये औषधि वर्षा ऋतु में अधिक एवं हर जगह पर पायी जाती है।
इसका तना बहुत ही मुलायम होता है अधिक पानी में होने के कारण इस पौधे का तासीर शीतल होता है।
कोषपुष्पी के औषधीय गुण -
1- सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से पेट संबंधी तमाम रोगों से छुटकारा मिलता है कंचट के पौधे से रस निकाल कर 30-40 मिली ग्राम रस का सेवन करे।
2- किडनी में अगर दर्द, सूजन आदि समस्या है तो 30 मिली ग्राम रस निकाल कर सुबह खाली पेट एवं दोपहर, शाम को इसका सेवन करने से किडनी की सारी समस्या दूर हो जाती है।
3- ये कंचट बूटी शुगर के मरीजों के लिए भी काफी फायदेमंद है अगर कोई बहुत ज्यादा इंसुलिन का इंजेक्शन लेता है तो शुगर को कंट्रोल करने के लिए इसका भी प्रयोग कर सकते है।
4-इसका रस हमारे शरीर में जाने के बाद पेट को ठंडा करता है तथा खून को साफ करने में मदद करता है
5- पथरी और कुष्ठ रोगों में ये कोषपुष्पी बहुत ही रामबाण है
6- पेट संबंधी विकारों मे ये कोषपुष्पी का पौधा बहुत ही लाभदायक है।
7- खूनी एवं वादी बवासीर में कोषपुष्पी के पौधे का बहुत ही लाभदायक उपयोग होता है इसके लिए बहुत ही सरल सा उपयोग किया जाता है इसके 4-5 पत्तों को लेकर उनको मसलकर रस निकाल लें और मस्सों पर 5-6 दिन तक प्रयोग करें इसका मस्सा सूखकर निकल जाएगा और बवासीर की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
8-ये कोषपुष्पी का पौधा बहुत सी विटामिन तत्वों से भरा होता है।