शुक्रवार, 13 नवंबर 2020

शतावरी के लाभदायी गुण और उपयोग

      शतावरी (Asparagus racemosus) 

शतावरी को आयुर्वेद में औषधियों की रानी माना जाता है। इसे अनेक रोगों में प्रभावशाली माना गया है। सजावटी पौधों में भी इसका उपयोग किया जाता है।
       
                

 शतावरी के औषधीय गुण - 

मानसिक तनाव, भय, चिंता, अवसाद को कम करने में इसका प्रयोग किया जाता है।
Antialrgic, antispasmodic,blood pressure को कम करने में किया जाता है।
Antiseptics, anti-inflammatory, lacsit रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करने बाले गुण पाए जाते हैं।
Daioretic, शरीर की सफाई करने बाले, टानिक तथा पौष्टिक गुणों के साथ-साथ बहुत से औषधीय गुण शतावरी पौधे में पाये जाते हैं।
                         

शतावरी के फायदे -

1-गलसुआ जो एक viral infaction है। इसमे आप शतावरी के बीजों को पीसकर गलसुआ वाली जगह पर इसका लेप लगा सकते है।
2-फोड़े फुंसी में आप शतावरी और देशी घी मिलाकर पेस्ट बनाकर उपयोग करने से इसके द्वारा निजात पा सकते हैं।
3-बदहजमी, दस्त, उल्टी, अल्सर, एसिडिटी, कोलाइटिस, इन्फेक्शन आदि को दूर करने में मदद करती है।
4-शतावरी बदहजमी और अपच के होने पर इसकी जाड़ों के साथ पानी में शहद मिलाकर पी सकते हैं। अगर एसिडिटी की समस्या हो तो शतावरी की कन्द का जूस एवं पानी बराबर मात्रा में लेकर सेवन करें।
5-पित्त दोष के कारण होने वाले पेट के दर्द में भी का फायदा लिया जा सकता है। रोज सुबह 10 मिली ग्राम शतावरी के रस में 10-12 ग्राम मधु मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।
6-शतावरी के इस्तेमाल से रंतौंधी में भी लाभ मिलता है। घी में शतावरी के मुलायम पत्तों को भूनकर सेवन करें।
शतावरी में बहुत से आयुर्वेदिक 
एवं औषधीय गुण होते हैं। 

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