रविवार, 8 नवंबर 2020

सदाबहार के लाभ एवं औषधीय गुण -

        सदाबहार (periwinkle flower)

सदाबहार को नयन तारा, वारामासी, संधि पुष्प आदि कहा जाता है। इसके फूल पांच पंखुड़ियों वाले होते हैं।
इनके फूल सिर्फ लाल और गुलाबी दो तरह के ही होते हैं।
                      

सदाबहार के औषधीय लाभ

1- मधुमेह के लिए पौधा रामबाण। इसके लिए  करेला,खीरा,एक टमाटर लेकर गर्म धोकर जूस निकालें।  उसमें सदाबहार के 5-7 फूल और 4-5 नीम की पत्तियाँ   पीसकर डाल दें और सेवन करें।  इससे लाभ मिलेगा एवं शरीर के विजातीय तत्व (toxins) भी निकल जाएंगे।
2- यदि आपको कोई ततैया आदि काट तो इसके लिए  सदाबहार के पत्तों का रस निकालकर उस जगह पर लगायें।  इससे न ही सूजन आएगी और न ही दर्द होगा। 
और इससे जल्द ही आराम मिल जायेगा।

3-
जिनको त्वचा संबंधी रोग शरीर में फोड़ा,फुंसी है। उनके  लिए इस सदाबहार के 3-4  को चबाकर खा जाए। इससे रक्त शुद्धि होगी। 
4- इस पौधे की जड़े भी अत्यधिक गुणकारी होती है।यह शारीरिक कमजोरी को दूर करने में बहुत लाभकारी है।  इसकी 100 ग्राम जड़ लेकर तथा 400 ग्राम धागा मिश्री लेकर मिश्रण कर लें और पाउडर बना लें।
सुबह - शाम सेवन शारीरिक कमजोरी दूर हो जाती है। 
5- यदि आप मोटापा से परेशान है या हताश है तो इसके लिए सदाबहार की 2-3 पत्तियाँ और थोड़ी जड़ लेकर पानी में उबालकर सुबह खाली पेट पिये।इसके नियमित सेवन से मोटापा से राहत मिलेगी।तथा डायबिटीज में अत्यंत लाभ मिलेगा। 
6- जिन लोगों को चोट लगने पर घाव  हो जाता है।और पश निकलने लगता है।इसके लिए आप इसकी जड़ को घिसकर के लेप की तरह उस घाव पर लगाएं। जल्द ही घाव सूख जाएगा। 
संक्रमण की संभावना दूर हो जाएगी। 
आयुर्वेद में सदाबहार मधुमेह के लिए एक लाभान्वित औषधि है। 

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