शुक्रवार, 6 नवंबर 2020

भृंगराज के प्रभावशाली औषधीय गुण एवं विशेषताएँ

             भृंगराज (False daisy)

भृंगराज एक प्राकृतिक औषधि है।जिसका दूसरा नाम एकलिप्टाअल्वा है। ऐतिहासिक रूप से आयुर्वेद में भृंगराज सबसे अधिक औषधि के रूप में जुड़ा हुआ है।
जो उपचार हेतु परम्परागत भारतीय तरीका है। लेकिन इसके सबसे ज्यादा होने वाले लाभों ने इसे विश्व में लोकप्रिय बनाया है। 
                              
आयुर्वेद में इसे रसायन माना जाता है। ये औषधि पूरे भारत वर्ष में पायी जाती है। विशेष रूप से दल दलीय स्थानो में पायी जाती है भृंगराज की चार प्रजातियाँ इसके फ़ूलों के आधार पर पायी जाती है। इसमें सबसे अधिक सफेद भृंगराज प्रचलित है। 
                    
ये अपने तीखे कड़वेपन स्वाद हल्केपन और सूखेपन के कारण ये कफ दोष और अपनी गर्म शक्ति के कारण बात दोष को संतुलित करता है। इस प्रकार यह त्रिदोष पर प्रभाव डालता है इसके साथ ही ये बालों का झड़ना रोकने, बालों को घना बनाने, जिगर, रूसी हरड़, सूजन को कम करने, पेट की पीड़ा कम करने, कैंसर को रोकने, प्रदर प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने और रक्तचाप में उपयोगी होता है। 

भृंगराज से होने वाले फायदे - 

 पीलिया रोग का सीधा असर जिगर और उसकी कार्य क्षमता को प्रभावित करता है भृंगराज लिवर को स्वस्थ रखने का सबसे प्रभावशाली टॉनिक माना जाता है। पीलिया जैसी बीमारी को ठीक करने में भृंगराज सबसे अधिक प्रभावशाली औषधि है। अगर आप वबासीर जैसी असहनीय बीमारी से पीड़ित हैं। तो भृंगराज इसमे सबसे अच्छी औषधि के रूप में उपयोगी है। 
भृंगराज इसमे आशाजनक और सुखदायी परिणाम देता है। 
                   

पीलिया के उपचार में - 

इसके लिए लगभग 10 ग्राम भृंगराज के पत्ते तथा 2 ग्राम साबुत काली मिर्च को पीसकर इसका पेस्ट बना लें।तथा उस पेस्ट को छाछ में मिलाकर दिन में दो बार इसका सेवन करें। पीलिया रोग को दूर करने के लिए यह एक बहुत अच्छा उपाय है। 
भृंगराज पेट संबंधी कई रोगों को ठीक करने में सहायक होता है - 
भृंगराज के सुबह में चार से पांच पत्ते को खाया जाए तो इससे कब्ज की समस्या ठीक होने लगती है। इसके अलावा भृंगराज के गुण मूत्र संक्रमण में भी काफी लाभदायक होते हैं। भृंगराज में जीवाणुरोधी गुण और Antiseptics गुण भी पाए जाते हैं। जो मूत्र संक्रमण को रोकने में अत्यधिक मदद करता है। भृंगराज के नियमित सेवन से पाचन शक्ति संयमित बनी रहती है। भृंगराज हमारी बड़ी आंत में पाए जाने वाले विषैले पदार्थो को निष्कासित करने में मदद करता है।
भृंगराज रस नई ऊर्जा को उत्पन्न करने के लिए भी काफी  होता है। भृंगराज के रस को लंबे समय तक कायाकल्प के लिए उपयोग किया जा सकता है।
आयुर्वेद में भृंगराज एक शक्तिशाली औषधि के रूप में वर्णित है।Bbh

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